तीसरी सरकार अभियान, उत्तर प्रदेश अन्तर्गत मेरठ तथा बरेली परिक्षेत्र के प्रमुख साथियों का कोरोना संकट : आत्मनिर्भर गांव बिषयक वेबिनार 21 जून 2020 को गूगल मीट पर सम्पन्न हुआ।
इस वेबीनार में श्री अमित तोमर क्षेत्रीय समन्वयक बरेली, श्री आशुतोष शर्मा एवं आकांक्षा मौर्य हापुड़, श्री प्रदीप शर्मा, गजेन्द्र पंवार, लियाकत सहारनपुर, श्री अशोक चौहान, हितेंद्र सिंह एवं गुरुदास शामली, श्री मनू लाम्बा, श्री मुकेश ममगाईं, श्री वेदप्रकाश एवं उमेश चन्द्र लोधी बुलंदशहर, श्री नैमिष पाण्डेय मेरठ, डॉ मुकेश प्रधान, गौरव चौधरी, अमित कुमार, सुभाष उपाध्याय मुज़फ्फरनगर, अनुराधा बागपत, अंकित कुमार,शुभम वालिया बिजनोर आदि उपस्थित रहे तथा अधिकांशतः प्रतिनिधियो ने अपने सुझाव एवं विचार प्रस्तुत किए।
इनके अतिरिक्त वेबीनार में तीसरी सरकार अभियान के संस्थापक डा. चन्द्रशेखर प्राण, हरियाणा राज्य की कोर कमेटी के सदस्य जे.पी.एस. मलिक, तीसरी सरकार अभियान कार्यालय से श्री अनिल उदय तिवारी एवं श्री विनोद मिश्र की उपस्थिति विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही। तथा अभियान के उद्देश्य को स्पष्ट किया।
वेबीनार का संचालन परिक्षेत्र मेरठ के क्षेत्रीय समन्वयक श्री प्रमोद चौधरी ने किया। तथा उन्होंने प्रवासी मजदूरों के लिए MSME द्वारा स्वरोजगार हेतु दिए जाने वाले प्रशिक्षण की जानकारी दी। तथा संबंधित जनपदों के जिला समन्वयकों से अपेक्षा करते हुए कहा कि अपने अपने जनपदों से कम से कम 10-10 गांवों के मजदूरों अथवा रोजगार की चाह रखने वाले लोगो की सूची बनाना शुरू करे ताकि तीसरी सरकार अभियान के अंतर्गत उनको प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार से जोड़ा जा सके।
उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय समूहों के गठन के बाद पश्चिमी क्षेत्र में मेरठ और बरेली क्षेत्र का यह पहला वेबीनार हुआ। जिसमें सम्बन्धित जिलों के जिला संयोजक एवं सामाजिक कार्यकर्ता सहित लगभग 30 प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।
वेबीनार में सहारनपुर के प्रतिनिधि श्री गजेन्द्र पवार ने अपनी पंचायत नैनखेड़ी की सफलता की कहानी बतायी, जिससे सभी प्रतिभागी प्रभावित हुए। श्री पवार ने बताया कि वर्ष 2015 में उनका गांव पहली बार पंचायत बना और उसमें उनके बड़े भाई प्रधान चुने गए। नवनिर्वाचित प्रधान श्री पवार ने ना केवल अपनी पंचायत के सदस्यों बल्कि गांव के सभी लोगों से सुझाव एवं सहयोग देने का आग्रह किया। सबकी सहमति से गांव के उस तालाब की सफाई करने का निर्णय हुआ, जिसमें पूरे गांव का कचड़ा फेंका जाता था। तालाब की सफाई के बाद, उसका सौन्दर्यीकरण कराया गया। इस तालाब से गांव को कुछ आमदनी हो और लोगों को रोजगार भी मिले, इसके लिए बोटिंग शुरू की गयी। लोग बोटिंग के लिए आने लगे। इसके बाद ग्रामीण संस्कृति को प्रदर्शित करने वाली तैयारियां की गयीं। गांव को ग्रामीण पर्यटन स्थल के रूप विकसित किया गया। इस तरह एक तालाब से शुरू करके गांव इको पर्यटन विलेज के रुप में विकसित किया गया है। गांव में इस समय 81प्रतिशत से अधिक साक्षरता है। गांव का प्राइमरी स्कूल स्मार्ट स्कूल के रूप में बन गया है। गांव में आने वालों को पत्तल और कुल्हड़ में भोजन कराया जाता है। गांव में कई घरों को गेस्टहाउस बना दिया है। लोग यहां ठहरते हैं और इसका उनसे किराया भी लिया जाता है। गांव वालों ने खाने की क्वालिटी बढाने के लिए आर्गेनिक खेती भी शुरू किया है।गांव के सभी घरों में शौचालय है। लोग अपनी शिकायत वाट्सएप पर भेजते हैं। प्रधान की टीम में पंचायत सदस्यों के अलावां 15 सदस्य हैं।जो गांव के लोगों की सहमति से समस्याओं का समाधान करते हैं।पूरी तरह से पेपरलेस कार्य हो रहा है। गांव में सहयोग के लिए महिला समूह, कृषक समूह और युवा संगठन भी बनाए गए हैं। गांव में अधिकांश कल्याणकारी योजनाओं का सही मायने क्रियान्वयन हो रहा है।
वेबीनार में परस्पर संवाद और विमर्श के बाद जिन बिन्दुओं पर कार्य करने की सहमति बनी है, उसका विवरण इस प्रकार है-
- सम्बंधित जनपदो में 10 ग्राम पंचायतों की पहचान का कार्य जहां अभी तक नहीं हो पाया है, उसे अतिशीघ्र पूरा कर लिया जाय।
- चिन्हित ग्राम पंचायतों में बेसिक जानकारी जुटाने हेतु सर्वे का कार्य भी अतिशीघ्र पूरा किया जाय। इससे संबंधित फार्मेट तीसरी सरकार अभियान कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
- राहत एवं बचाव कार्य के लिए पंचायतों के साथ मिलकर यथा संभव सहयोग अविलम्ब शुरु किया जाय।
- आत्मनिर्भरता के अवसर और संभावनाएं गांव स्तर पर ही मिलेगी। इसके लिए सजगता और सूचना की आवश्यकता है।
- आर्थिक आत्मनिर्भरता से पूर्व विचारों में भी आत्मनिर्भरता होनी चाहिए। जिसको जरूरत है, उसे भी सोचना पडे़गा।उसे ही निणर्य लेकर क्रिया क्षेत्र में उतरना पडे़गा।
इसके बाद वेबिनार आयोजक एवं क्षेत्रीय समन्वयक श्री प्रमोद चौधरी ने सभी प्रतिनिधियों के प्रति आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।