मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संकट से बचाव, राहत एवं आत्मनिर्भरता के लिए प्रयास में पंचायतों की भूमिका विषयक वेबिनार का आयोजन 07 जून 2020 को किया गया था। इसी परिप्रेक्ष्य में 21 जून 2020 को फालोअप मीटिंग भी गूगल मीट पर सम्पन्न हुई। इस मीटिंग में अनेक सरपंच, सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। मीटिंग में तीसरी सरकार अभियान के संस्थापक डा.चन्द्रशेखर प्राण, मिशन समृद्धि के संस्थापक सदस्य श्री योगेश एंडले एवं पहल जनसेवा विकास संस्थान के प्रतिनिधि श्री प्रवीण कुमार की उपस्थिति विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही। बैठक में आगे की कार्ययोजना पर चर्चा एवं निर्णय लिया गया।
फालोअप मीटिंग में श्री पुंजालाल, बेतूल से सुश्री उमा, श्री अमित मेहता, श्री अमर कुमार गवाने, श्री शुभम चौधरी, श्री राकेश बानडोड, श्री मदन ब्राहमने, सुश्री पूजा कैग, श्री कान्हा कनोजिया, श्री रामजी राय, ने अपने सुझाव रखे।
फालोअप मीटिंग में परस्पर विचार विमर्श के बाद जिन बिन्दुओं पर कार्य प्रारम्भ करने पर सहमति बनी उसका विवरण इस प्रकार है।
- कोरोना संक्रमितों की संख्या निरंतर बढ रही है। यदि दूसरों के भरोसे पर रहेंगे तो परेशानी उठानी पड़ेगी। इसलिये गांव में जागरूकता की जाय। आपसी तालमेल तथा सहयोग बढाया जाय।
- ऐसे लोगों को ढूंढा जाय जो पहले से ही अच्छा कार्य कर रहे हैं। उनके साथ मिलकर नया प्रयास किया जा सकता है।
- पंचायतें ऊपर के आदेश के तहत ही कार्य कर रही हैं। उन्हें स्वतंत्र रूप से सोचना आवश्यक है। मनरेगा में नयी संभावनाएं देखने की जरूरत है। पंचायत प्रतिनिधियों को भी जागरूक करने की जरुरत है।
- आत्मनिर्भरता के लिए मनरेगा तात्कालिक उपचार जैसी है। केन्द्र और राज्य स्तर पर ही बड़ा बदलाव हो सकता है। गांव स्तर पर बदलाव के लिए नागरिकों को प्रयास करना होगा। जिले और मध्यप्रदेश के स्तर पर यहां की टीम प्रयास करेगी। केन्द्र सरकार के स्तर पर डा. प्राण को प्रयत्न करना होगा। यदि सरकार के पास ज्यादा ज्ञापन जायेगा तो दबाव अवश्य बनेगा।
- इस समय हमारा लक्ष्य आत्मनिर्भरता है। पंचायत इसके लिए उपयुक्त माध्यम है। इसके लिए पंचायत प्रतिनिधियों को जागरूक करना होगा लेकिन उसके पहले इसके लिए प्रयास करने वालों को भी जागरूक होना जरूरी है। पंचायत के कार्य, अधिकार, भूमिका एवं उससे जुड़ी संभावनाओं के बारे में सही समझ बनाने के लिए अलग से एक वेबिनार किया जा सकता है।
- जो कामगार या मजदूर वापस आये हैं, उनके बारे में एक फार्मेट पर जानकारी जुटा लेनी चाहिए। इससे यह पता चलेगा कि किसके पास क्या कौशल है और उन्हें किस तरह के सहयोग की जरूरत है। कितने लोगों के लिए स्थानीय सहयोग हो सकता है, कितने लोगों के लिए सरकार के साथ बात करनी है और कितने के लिए कारपोरेट सेक्टर से बात करनी पड़ेगी।
- आत्मनिर्भरता के लिए लोगों को स्वतः विचार, निर्णय और क्रिया की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। हम सभी इसमें सहायक या उत्प्रेरक हो सकते हैं। इसलिए स्थानीय स्तर पर अवसरों की तलाश की जाय। मनरेगा में कमिश्नर से बात करके रोजगार की संभावनाएं बढाने के लिए प्रयास किया जायेगा।
- मध्यप्रदेश में पंचायत प्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक नेटवर्क तैयार किया जाय। इससे दबाव बढेगा और कार्य में भी सरलता से सफलता मिलेगी।
- कार्य क्षेत्र की पहचान करके, उससे सम्बन्धित बेसिक जानकारी भी जुटा ली जाय। आगे की योजना और क्रियान्वयन उसी पर आधारित होगा।
फालोअप मीटिंग के अंत में पहल जनसेवा विकास संस्थान के श्री प्रवीण ने सभी के प्रति आभार जताया और धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आज जिन बातों पर सहमति बनी है, उसको पूरा करने के बाद जल्दी ही अगले फालोअप वेबिनार का आयोजन किया जायेगा।