
तीसरी सरकार अभियान के तहत राष्ट्रीय कार्य समिति की दो दिवसीय बैठक का आयोजन 05 एवं 06 मार्च 2022 को रांची, झारखण्ड में किया गया था । उक्त बैठक में तीन ड्राफ्ट कमेटियों का गठन किया गया ।
1. सदस्यता एवं संगठन
2. प्रशिक्षण एवं शोध
3. कार्यात्मक मुद्दे
उक्त ड्राफ्ट कमेटियों के लिए 20 मार्च 2022 को प्रारम्भिक ड्राफ्ट का प्रस्तुतीकरण ड्राफ्ट कमेटियों के प्रतिनिधियों के द्वारा किया गया था । ड्राफ्ट कमेटियों के प्रारम्भिक बैठक के अगले क्रम में आज दिनांक 02-04-2022 को बैठक का आयोजन किया गया जिससे प्रत्येक ड्राफ्ट कमेटी के विषयों के संदर्भ में तैयार किए गए दस्तावेजों/प्रस्तुतीकरण पर चर्चा की जा सके एवं इसे फ़ाइनल किया जा सके ।
बैठक के प्रारम्भ में सदस्यता एवं संगठन ड्राफ्ट कमेटी का प्रस्तुतीकरण श्री किशोर जगताप द्वारा किया गया । उन्होनें संबंधित कमेटी द्वारा तैयार ड्रॉफ़्ट को पावर पॉइंट द्वारा प्रस्तुत किया (संलग्नक-क)
उक्त प्रस्तुतीकरण पर प्रतिभागी सदस्यों से प्रतिक्रिया ली गयी जिसमें निम्नलिखित सुझाव मुख्य रूप से प्राप्त हुये :
- निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों, मंचो (जैसे- प्रधान संघ, सरपंच संघ इत्यादि) को भी सदस्यता के लिए विचार करना चाहिए ।
- सदस्यता के अंतर्गत नैतिक एवं चारित्रिक मापदंड भी शामिल किये जाने चाहिए।
- संगठनात्मक ढाँचा सरल एवं समावेशी हो ।
- निर्वाचित प्रतिनिधियों एवं राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों को हम एसोसियट मेम्बर (Associate Member)। के रूप में जोड़ सकते हैं । ऐसे सदस्यों को निर्णायक भूमिका वाली समितियों एवं कार्य में नहीं जोड़ा जाना चाहिए ।
- सदस्यों से तीसरी सरकार अभियान से जुड़ते समय इसके सैद्धांतिक पहलुओं पर सहमति भी लेनी चाहिए ।
- समय देने की बाध्यता नहीं की जाये क्योंकि यह सभी सदस्यों के लिए व्यावहारिक नहीं है । संस्थागत सदस्यता के लिए संस्था के किसी एक सदस्य को अभियान में सहयोग देने हेतु कुछ निश्चित अवधि तक समय देनेके लिए सहमति ली जा सकती है ।
- चार सह-संयोजकों में से दो सह-संयोजकों के विषयों में कुछ संशोधन की जरूरत है । फाइनेंस और प्रशासन विषयों को एक सह-संयोजक एवं डॉक्युमेंटेशन एवं सोशल मीडिया के लिए एक सह-संयोजक उपयुक्त होगा ।
- प्रारंभ में इसका गठन व विस्तार ऊपर से नीचे की ओर तदर्थ रूप से किया जाना चाहिए।
प्रशिक्षण एवं शोध :
प्रशिक्षण एवं शोध के लिए गठित ड्राफ्ट कमेटी की तरफ से श्री भीम भाई रासकर ने प्रस्तुतीकरण किया । उनके अनुसार तीसरी सरकार अभियान में प्रशिक्षण की बहुत संभावनायेँ है । पंचायत राज का एजेंडा एवं तीसरी सरकार का एजेंडा एवं आम लोगों का एजेंडा को एक साथ मिलाना जरूरी है । अभियान में आदर्श स्थितियों का समावेश है जो व्यावहारिक परिदृश्य से काफी अलग है । सरकारी विभागों के साथ मुद्दों पर बातचीत करने, दबाव बनाने एवं सहयोग के लिए कार्य करना होगा। कमेटी द्वारा तैयार ड्रॉफ़्ट को पावर पॉइंट द्वारा प्रस्तुत किया गया। (संलग्नक-ख)
उक्त प्रस्तुतीकरण पर प्रतिभागी सदस्यों से प्रतिक्रिया ली गयी जिसमें निम्नलिखित सुझाव मुख्य रूप से प्राप्त हुये :
- प्रशिक्षकों का क्षमतावर्धन व्यावहारिक पहलुओं एवं समस्याओं के समाधान पर किया जाना चाहिए ।
- नियमित रूप से परिस्थितियों का विश्लेषण, स्टडी, शोध इत्यादि कार्य भी प्रशिक्षण के साथ होना चाहिए ।
- प्रशिक्षकों का कैडर तैयार किए जाना महत्वपूर्ण है । संस्थाओं के स्वयंसेवकों का कैडर बनाना चाहिए ।
- प्रशिक्षण मॉड्यूल को समय-समय पर अपडेट (Modify) भी किया जाना चाहिए । ToT करते समय इस बिन्दु पर ध्यान दिया जाना चाहिए ।
- ग्राम रोजगार सेवकों का भी प्रशिक्षण अलग-अलग विषयों पर विशेषतः पंचायती राज पर होना चाहिए ।
- ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण नेतृत्व विकास हेतु प्रशिक्षण कार्य सतत रूप से संचालित किया जाय। जिससे पंचायत चुनाव के साथ सुयोग्य एवं सक्रिय लोग प्रत्याशी के रूप में आगे आयें।
- पंचपरमेश्वर विद्यापीठ को प्रशिक्षण प्रकल्प के रूप में विकसित किए जाने को प्राथमिकता पर लिया जाय एवं इसकी संचालन व्यवस्था राज्य स्तर पर तय की जाय ।
- प्रशिक्षण एवं क्षमतावृद्धि को जोड़कर देखा जाता है । यद्यपि ये दोनों ही अलग-अलग हैं । अतः इसके अंतर को ध्यान मे रखकर प्रशिक्षण का स्वरूप तय किया जाय ।
- संगठनात्मक ढाँचे को मजबूत करने के संदर्भ में ब्लॉक स्तर पर सक्रिय/कार्यरत प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्धन सबसे महत्वपूर्ण है ।
- प्रशिक्षण सामग्री तैयार करने, प्रशिक्षण संचालन इत्यादि कार्य सहभागितापूर्ण हो ।
- ट्रेनिंग मैनुअल को कस्टमाइज भी होना चाहिए।
कार्यात्मक मुद्दे:
कार्यात्मक मुद्दों पर कमेटी की ओर से श्री ओम प्रकाश तिवारी ने प्रस्तुतीकरण किया । उन्होनें पूर्व की मीटिंग में साझा किए गए ड्राफ्ट दस्तावेज़ का उल्लेख किया । इसमें संशोधन के लिए सुझाव भी प्राप्त हुये थे जिन्हें शामिल किया गया । (संलग्नक-ग)
उक्त प्रस्तुतीकरण पर प्रतिभागी सदस्यों द्वारा निम्नलिखित सुझाव प्रमुख रूप से प्राप्त हुये :
- कुछ ग्राम पंचायतों को ग्राम घोषणा पत्र की तर्ज पर विकसित कर सकें ।
- कुछ ग्राम पंचायतों में सघन रूप से कार्य करें एवं इसको मॉडल बनाया जाय ।
- क्रॉस लर्निंग पर ध्यान देने की जरूरत है । किसी राज्य विशेष, पंचायत विशेष में अच्छे कार्यों को साझा किया जाना एवं बेहतर कार्यों को प्रसारित करना ।
- ग्राम सभा एवं वार्ड सभा बैठक नियमित रूप से आयोजित किए जाने हेतु कार्ययोजना तय की जानी चाहिए ।
- पंचायत समितियों के सदस्यों के नाम, उनके संपर्क नंबर दीवार लेखन के माध्यम से ग्राम पंचायतों में कराए जाएँ । ये एक छोटा सा कार्य भी काफी प्रभावी होगा । इसके लिए देश व्यापी पहल की जा सकती है ।
- ई-ग्राम स्वराज में पंचायतों की प्रोफ़ाइल, पंचायत प्रतिनिधियों का विवरण अपडेट कराया जाना चाहिए ।
- पंचायत सचिव ही पंचायत समितियों का भी सचिव होता है । ऐसे में पंचायत समितियों की बैठक नहीं हो पाती है । इसके लिए पंचायत समितियों के सदस्यों में से ही यदि सचिव चयन किए जाने का सरकारी आदेश जारी हो तो समितियों को सक्रिय किए जाने में सहयोग मिल सकेगा । इसके लिए तीसरी सरकार अभियान के द्वारा पहल किए जाने का सुझाव दिया गया ।