24 मई 2020 को तीसरी सरकार अभियान की राज्यस्तरीय बैठक वेबिनार के माध्यम से संपन्न हुई । दो घन्टे तक चली इस बैठक में मुख्य रुप से दो विषयों – पहला, गांव में कोरोना संकट की वर्तमान स्थिति एवं उससे बचाव व राहत तथा दूसरा इसके लिए जमीनी स्तर पर सघन रुप से कार्य करने हेतु व्यवहारिक रणनीति व संगठित नेट्वर्क बनाने हेतु चर्चा तथा सर्वसहमति के आधार पर निर्णय लेना शामिल था ।
बैठक के प्रथम सत्र में उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों में करोना की वर्तमान वस्तुस्थिति पर सभी प्रतभागियों द्वारा विवरण प्रस्तुत करते हुए उसके समाधान के तरीके भी बताये गये । इस बिषय पर निम्नांकित विवरण व सुझाव प्राप्त हुए –
- शुरुआती दौर में संस्थागत क्वारंटाइन का नियम बना था, लेकिन जब से प्रवासी मजदूरों को अपने घरों में क्वारंटाइन होने की छूट दी गई तब से नियमों के पालन में शिथिलता आई है, उससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। अतः संस्थागत क्वारंटाइन को ही प्राथमिकता दी जाय।
- ग्राम पंचायत की ज्यादातर निगरानी समितियाँ निष्क्रिय हैं अतः उनको सक्रिय करने तथा जिम्मेवार बनाना आवश्यक है। यह कार्य ग्राम पंचायत और ग्राम सभा को करना होगा।
- इस समय गांवों में जागरूकता का कार्य प्राथमिकता के स्तर पर लिया जाना चाहिए। सामाजिक संस्थाओं को इसमें आगे आना होगा। चर्चा के दौरान फतेहपुर में सामाजिक संस्थाओं द्वारा इस दिशा में किया जा रहा प्रयास विशेष रूप से उल्लेख में आया।
- चर्चा के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि गाँव वापस आने वालों में ज्यादातर लोग वापस न जाने की बात कर रहे हैं लेकिन यदि उन्हें यहाँ काम न मिला तो संभवतः कुछ दिनों के बाद उन्हें फिर से वापस जाना ही पड़ेगा। अतः इस दिशा में विशेष रूप से प्रयास की आवश्यकता है।
- गाँव वापस लौटे बहुत सारे मजदूर तकनीकी एवं व्यावसायिक कौशल से युक्त हैं। इनके कौशल को सही तरीके से चिन्हित करके तदनुरूप उन्हें अवसर प्रदान किये जाने की तात्कालिक आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में एक नीति तय की जा रही है। अतः सभी संबंधित गॉंवों में वापस आये लोगों की विधिवत सूची तैयार की जाय। इसके लिए ग्राम पंचायत की क्षमता में वृद्धि करनी होगी जिससे यह कार्य वह व्यवस्थित तरीके से कर सके।
- अभी सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के साथ साथ ग्रामोद्योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अतः गाँव में ठीक से यह नियोजित किया जाए कि वहां की आवश्यकता और कच्चे माल की दृष्टि से इसके लिए प्रयास शुरू किया जाय।
- चर्चा के दौरान इस पर अधिकांश सदस्यों का सुझाव आया कि तात्कालिक रूप में गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी एवं उपलब्धता सुनिश्चित कराने को प्राथमिकता के स्तर पर लिया जाना चाहिए। आयुष मंत्रालय की गाइड लाइन के प्रति लोगों को जागरूक करने तथा उसके द्वारा संस्तुति प्राप्त दवाओं के वितरण का कार्य भी लिया जाय।
- गाँव वापस आये कामगारों के विधिवत सर्वे का सुझाव भी चर्चा में आया। जिसके लिए एक निर्धारित फार्मेट पर सर्वे करके आवश्यकता तथा स्किल के अनुसार रोजगार के लिए गाँव में प्लान बनाने पर जोर दिया गया।
- अगले माह में जल संरक्षण के कार्य को नरेगा में प्राथमिकता के आधार पर लिए जाने का सुझाव प्रतिभागियों द्वारा आया। बुंदेलखंड क्षेत्र में इसको विशेष रूप से लिए जाने पर जोर दिया गया।
- वेबिनार में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने उपरोक्त सभी विषयों पर अपने-अपने क्षेत्र में तत्काल जागरूकता एवं कार्यवाही का संकल्प लिया।
बैठक के दूसरे दूसरे विषय जमीनी स्तर पर सघन रूप से कार्य करने हेतु व्यावहारिक रणनीति एवं संगठित नेटवर्क बनाने के बारे में निम्नांकित निर्णय लिए गए –
- प्रत्येक जिले में न्यूनतम 10 ऐसे साथियों का जो वर्तमान समय में रह रहे हैं तथा वहां राहत एवं बचाव के कार्य में जुटे हैं, उनका एक समूह बनाने का निर्णय लिया गया। इसमें ग्राम पंचायत प्रतिनिधि तथा स्वैच्छिक सामाजिक कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से शामिल करने पर जोर दिया गया।
- प्रदेश के सभी परिक्षेत्र स्तर पर संबंधित जिलों के ऐसे सभी साथियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का निर्णय लिया गया। आगे के दिनों में परिक्षेत्र स्तरीय सभी समूहों की अलग-अलग विषयों पर वेबिनार आयोजित किए जाएंगे। इन विषयों में स्वास्थ्य और स्वच्छता, सामाजिक सद्भाव एवं परस्पर सहयोग, कृषि और रोजगार, आयवृद्धि के तरीके, गाँव के विवादों का सद्भाव के साथ स्थानीय समाधान तथा आत्मनिर्भरता हेतु कार्य, साधन तथा माध्यम की पहचान जैसे विषय शामिल होंगे।
- वर्तमान समय में तीसरी सरकार अभियान से संबंधित जो कई व्हाट्सएप ग्रुप सक्रिय हैं उन्हें अब समायोजित करते हुए व्यवस्थित तरीके से तीन समूहों में ही नियोजित किए जाने का निर्णय लिया गया। इसमें यह सावधानी बरती जाएगी कि सामान्यतः एक व्यक्ति अपने से संबंधित समूह में ही रहेगा। केवल समूह का नेतृत्वकर्ता ही अपने ऊपर के समूह में शामिल हो सकता है।
- इस नेटवर्क के लिए परिक्षेत्र स्तर से साथियों के चिन्हित किए जाने का कार्य इस माह के अन्त तक पूरा कर लिया जाना है तथा जून के प्रथम सप्ताह में व्हाट्सएप के समूहों का निर्माण भी हो जाना है। समूह का एडमिन परिक्षेत्र स्तर पर परस्पर चर्चा एवं सहमति से तय किया जाएगा।
- प्रत्येक परिक्षेत्र स्तरीय समूह द्वारा महीने में कम से कम एक बार परिचर्चा हेतु वेबिनार अवश्य आयोजित किया जाना है। आवश्यकता तथा सदस्यों की मांग पर एक से अधिक वेबिनार आयोजित किए जा सकते हैं।
उपरोक्त बैठक में प्रतिनिधियों में सर्व श्री आशुतोष शर्मा, मुकेश शर्मा, आलोक सहाय, रत्नेश कुमार गौतम, अमित तोमर, कविता राठौर, राजेन्द्र साहू, प्रमोद चौधरी, शकुन्तला त्रिपाठी, राम भरत उपाध्याय, शरीफ हुसैन, सुमन, उमेश कुमार चौबे, रवि शंकर विद्यार्थी, सुधीर त्रिपाठी, पवन श्रीवास्तव, सलमा, अमित त्रिपाठी, गिरिधारी भाई, पुष्पा पाल, संदीप त्रिपाठी, विनोद मिश्र तथा डॉ चन्द्रशेखर प्राण शामिल रहे।